कल की आस अंधेरा लगा है छटने कल की आस झांकने अब लगी है मन मे सपने भी तैरने लगे हैं आँखों मे रंगों मे अहसास कदमों में ताल कानों मे गीत मन में विश्वास सब घर करने लगे हैं अब जीवन में … Advertisement Share this:TwitterFacebookLike this:पसंद करें लोड हो रहा है...
ashawadi abhivyakti hai. sundar.
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😊..am happy u liked it..
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