रुक तो सही
ठहर जा जरा
ए जिन्दगी
क्यों दौड़ती फिरती हैं
हर वक्त इस तरह
तेरा साथ देते देते
मै भी तो गई हूँ थक
साँस तो आने दे
सुस्ताने तो दे ज़रा
थकी हूँ, हारी नही हूँ
बस पल भर बैठी हूँ
तू भी आ बैठ मेरे संग
देख ज़रा
वो पहाड़ी से छिप कर तुझे
तकता वो सूरज
शर्म से हो रहा जो लाल
ये मदमस्त बयार
जो तुझे छूने से भी रही है डर
तेरी रफ्तार से हैं सब परेशान
आ साथ साथ मेरे
जरा इनसे भी ले तू मिल
फिर चलेंगे संग संग
समेटने तो दे ज़रा
मेरा बिखरा विश्वास
आने दे ज़रा
इन पैरों मे मेरे ताकत
झाड़ने तो दे तनिक
ये यादों के तिनके
लडखड़ाई हूँ, गिरी नहीं हूँ
संभलने तो दे ज़रा
फिर चलूँगी संग संग
मिलाकर तेरी रफ्तार से ताल….
ठहर तो ज़रा …
बहुत सुन्दर। काश जिंदगी पल भर को ठहरती।
पसंद करेंपसंद करें
Thank you..
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
Life is running fast ,fast n fast
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति