बस एक दिन और
खड़ा रख खुद को
कल शायद समय बदले
कल शायद हो ये बेहतर
बस एक दिन और
निकाल ले यह दिन, ये पल
टूटना मत, बिखरना मत
बस थोड़ा और
चला चल मन
हर पग पर रख बस निगाह
एक एक पग बढ़ाता चल बस
रास्ता दिखेगा कल
कदम दर कदम राहें होगी छोटी
कहीं तो नज़र आएगी रोशनी ….