दिल में एक ख़लिश सी है
यादों की अभी आँखों में नमी सी है
ठहर तो ए मन
लगेगा थोड़ा अभी और वक्त
रात के कटने मे
सहर होने मे अभी कमी सी है
दिल में एक ख़लिश सी है
यादों की अभी आँखों में नमी सी है
ठहर तो ए मन
लगेगा थोड़ा अभी और वक्त
रात के कटने मे
सहर होने मे अभी कमी सी है
वाह ! सुन्दर अभिव्यक्ति है।
On Tue, Sep 15, 2015 at 6:13 AM, mridulkhanduri wrote:
> mriudulkhanduri posted: “दिल में एक ख़लिश सी है यादों की अभी आँखों में नमी
> सी है ठहर तो ए मन लगेगा थोड़ा अभी और वक्त रात के कटने मे सहर होने मे अभी
> कमी सी है”
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