मुक्त किया तुम्हें अपने प्यार के बन्धन से
मुक्त किया तुम्हें अपने आशाओं के जंजाल से
मुक्त किया तुम्हें तुम्हारे जीवन मे
सबसे ज़रूरी होने की अपेक्षा से
मुक्त किया तुम्हें मेरे साथ खड़े
होने की जरूरत से
मुक्त किया तुम्हें मेरे मन की पीड़ा से
मुक्त किया तुम्हें मेरे संग चलने की विडम्बना से
मुक्त किया तुम्हें इन दिल की दीवारों से
उड़ो स्वच्छंद उन्मुक्त आकाश में
मुक्त किया तुम्हें वापस मेरे पास आने के इन्तज़ार से
बन्धन मे रखूँगी अपने मन को
बेडि़यों मे बांधुगी अबसे अपनी आशाओं को अपेक्षाओं को
भावनाओं को जकड़ लूंगी अब धरातल की ज़जीरों मे
हमेशा हमेशा के लिए।
ये मुक्ति खुद की मुक्ति भी है सब अपेक्षाओं से. बहुत सुन्दर लिखा है.
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Yes u r correct..never saw it this way..wow and thank u😊
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:).
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