जीत तेरी तो हार भी तेरी
मंजिल तेरी तो राह भी तेरी
नियति मेरी तो है इच्छा तेरी
सुख की और दुख की
है जीवन में मेरे सब चालें तेरी
आँसू मेरे है बस नादानी मेरी
प्रयास मेरा है जिम्मेदारी मेरी
न शरीर मेरा और न साँसे मेरी
अस्तित्व मेरा तो है बस इक कृति तेरी
सबकुछ है तेरा और है लीला भी तेरी
समर्पण हो मेरा तो है मुक्ति भी मेरी …
बहुत सुंडा अभिव्यक्ति है ‘ अस्तित्व मेरा तो है बस इक कृति तेरी’.
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सुन्दर अभिव्यक्ति है’ अस्तित्व मेरा तो है बस इक कृति तेरी’ .
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thank you.. ur comments r very encouraging
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:). You write very beautifully dear.
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thanks again
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Well written.really we all are puppets of God.
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