अच्छा होता है

भीड़ से पीछे रह जाना
भी कभी अच्छा होता है
हर रिश्ता खुशी ही दे
यह ज़रूरी तो नहीं
कुछ रिश्तों को राह
मे छोड़ जाना
भी कभी अच्छा होता है
हर आँख तुम्हें सही तौले
ये ज़रूरी तो नहीं
इन तराजू से दूर
खुद को कर पाना
भी कभी अच्छा होता है
भीड़ के संग बहक जाना
ये ज़रूरी तो नहीं
गलत हो कदम तो
पाँव को अपने थाम लेना
भी कभी अच्छा होता है

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निशब्द प्रतिरोध

निशब्द मेरा प्रतिरोध
गूँजेगा
अडि़ग मेरा विश्वास
न टूटेगा
अपने बनाये शीशमहल मे
हो कैद तुम
बिम्ब प्रतिबिंब जहाँ
अपना ही
है दिखता हर तरफ
डर तो लगेगा ही
पर भाग न पाओगे कहीं
क्योंकि आईने को
है बनाया
हमसफर तुमने

ईश्वर मेरा

ईश्वर मेरा मेरे दिल में रहता है
दीवारों से नही घिरा है
न ही सोने के कलश मे बन्धा है
ईश्वर मेरा मेरे दिल में रहता है
मेरे आँसुओं से धुलता है
मुस्कुराहटों से मेरी वह सजता है
ईश्वर मेरा मेरे दिल में रहता है
धड़कनों के नाद में जयकारा उसका होता है
साँसों के वेग से परचम उसका लहराता है
ईश्वर मेरा मेरे दिल में रहता है
बुराई में पैरों को मेरे जकडता है
अच्छाई मे हाथ मेरा पकडता है
ईश्वर मेरा मेरे दिल में रहता है
कर्मों में मेरे बसता है
दुनिया के इस झंझावात में
ईश्वर मेरा आज भी
मेरे दिल में ही रहता है

आहिस्ता चल

ज़रा आहिस्ता तो चल ऐ जिन्दगी
दिल को थोड़ा सा सुकून अभी आया है
जरा सा आहिस्ता चल
अब जाके कहीं आँखों में महताब आया है
थोड़ा तो आहिस्ता चल
वो रात की बाहों मे
चाँद का ढलना
वो सूरज की घुडकी से
सुबह का जगना
ज़रा सा देखने तो दे
बस थोड़ा सा तो आहिस्ता चल
वो सर्द हवाओं का ठिठुरना
वो गीली रेत पर सवेरे का चलना
वो हवाओं में
बूँदों का बहकना
वो साँसों मे घुलकर
कुहासे का लिपटना
बस आँखों में बसने तो दे
बस थोड़ा सा जीने तो दे
बस थोड़ा सा तो आहिस्ता चल
लुत्फ़ नज़ारों का
नदियाँ की धारों का
फूलों का बहारों का
वादी का पहाड़ों का
थोड़ा सा लेने तो दे
बस थोड़ा सा तो आहिस्ता चल