ज़रा आहिस्ता तो चल ऐ जिन्दगी
दिल को थोड़ा सा सुकून अभी आया है
जरा सा आहिस्ता चल
अब जाके कहीं आँखों में महताब आया है
थोड़ा तो आहिस्ता चल
वो रात की बाहों मे
चाँद का ढलना
वो सूरज की घुडकी से
सुबह का जगना
ज़रा सा देखने तो दे
बस थोड़ा सा तो आहिस्ता चल
वो सर्द हवाओं का ठिठुरना
वो गीली रेत पर सवेरे का चलना
वो हवाओं में
बूँदों का बहकना
वो साँसों मे घुलकर
कुहासे का लिपटना
बस आँखों में बसने तो दे
बस थोड़ा सा जीने तो दे
बस थोड़ा सा तो आहिस्ता चल
लुत्फ़ नज़ारों का
नदियाँ की धारों का
फूलों का बहारों का
वादी का पहाड़ों का
थोड़ा सा लेने तो दे
बस थोड़ा सा तो आहिस्ता चल
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Serene and Beautiful
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beautiful.
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प्रकृति का सुंदर वर्णन हुआ है।
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beautiful…👍
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Thanks
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आपके शब्दों का शुक्रगुजार करता हूँ
तहे दिल से धन्यवाद करता हूँ
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