गीता और कुरान में
तुम फूट डालने की
कोशिश करते हो
यार तुम
राजनीति बहुत करते हो
डरते हो हारने से
इसलिए तोड़ते हो लोगों को
बहादुर बनने की कोशिश
तो तुम बहुत करते हो
यार तुम
राजनीति बहुत करते हो
सदियों से न जाने कितने जिस्म
समा गए इस मिट्टी में
अब हर कतरे को
इस ख़ाक से अलग
करने की कोशिश करते हो
यार तुम
राजनीति बहुत करते हो
अन्धेरों को रहनुमा बनाते हो
रोशनी मे खुद से ही डरते हो
लफ्जों से सूरज को
ढकने की कोशिश करते हो
यार तुम
राजनीति बहुत करते हो
बेहद उम्दा अभिव्यक्ति है
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