साँसों मे मेरी आज भी
खुशबू सा उतरता है
आँखों में इक ख्वाब है
जो नीन्दों मे मचलता है
सवेरे के धुन्घलके मे
तू धूप सा चमकता है
आज भी मेरी जुल्फों मे
फूलों सा महकता है
यादों के मोड़ पर
तू हँसी सा खनकता है
समन्दर में अहसासों के
तू सैलाब सा उमडता है
ए प्यार तू आज भी
न जाने क्यों मेरे सीने मे धड़कता है