इल्ज़ाम

आये थे झोली फैलाये
भीख प्यार की मांगने
इल्ज़ामो से यार ने
दामन ही भर दिया
ढाल  हमेशा समझते रहे
जिसको अपनी
पत्थर पहला न जाने क्यों
उसने ही उठा लिया ….

2 विचार “इल्ज़ाम&rdquo पर;

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