आये थे झोली फैलाये
भीख प्यार की मांगने
इल्ज़ामो से यार ने
दामन ही भर दिया
ढाल हमेशा समझते रहे
जिसको अपनी
पत्थर पहला न जाने क्यों
उसने ही उठा लिया ….
आये थे झोली फैलाये
भीख प्यार की मांगने
इल्ज़ामो से यार ने
दामन ही भर दिया
ढाल हमेशा समझते रहे
जिसको अपनी
पत्थर पहला न जाने क्यों
उसने ही उठा लिया ….
Moving.
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
बेहतरीन
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति